शैलेंद्र दुबे की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1964 | उज्जैन, मध्य प्रदेश
संक्षिप्तता के लिए उल्लेखनीय कवि। वर्ष 1997 से चित्रकला में भी सार्थक हस्तक्षेप।
संक्षिप्तता के लिए उल्लेखनीय कवि। वर्ष 1997 से चित्रकला में भी सार्थक हस्तक्षेप।