संजय कुंदन की कहानियाँ
केएनटी की कार
शाम छह बजे ऑडिटोरियम में सबको इकट्ठा होना था जनरल मीटिंग के लिए। जनरल मीटिंग के एजेंडे को लेकर कोई दुविधा किसी के भीतर न थी। इस अख़बार में जनरल मीटिंग का एजेंडा एक तरह से तय ही होता है किसी—संपादक की विदाई, नए संपादक का स्वागत या वेतन-वृद्धि की घोषणा।
बॉस की पार्टी
वह काफ़ी देर से आईने के सामने खड़ा हँसने की कोशिश कर रहा था। इस प्रयास में उसने कई विचित्र मुद्राएँ बनाईं, तरह-तरह की आवाजें निकालीं। हालाँकि वह आश्वस्त नहीं हो पा रहा था कि यह सब जो उसने किया है, उन्हें हँसी की श्रेणी में शामिल किया जा सकता है या नहीं। जीवन
गांधी जयंती
“अरे! प्रभुदयाल तो मंत्री बन गया। पिताजी ने अख़बार से सिर निकालकर कहा। “प्रभुदयाल!" मैं चौंका। “यह वही है न, जो तुम्हारे साथ पढ़ता था? इसकी फ़ोटो देखो।” पिताजी ने मेरी ओर अख़बार बढ़ाया। राज्य के नए मंत्रिमंडल के शपथ लेने का समाचार था। मंत्रियों
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere