रहमान राही की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1925 - 2023 | श्रीनगर, जम्मू कश्मीर
कश्मीरी भाषा के समादृत कवि, अनुवादक और आलोचक। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
कश्मीरी भाषा के समादृत कवि, अनुवादक और आलोचक। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।