राही मासूम रज़ा की अनूदित रचनाएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1927 - 1992 | ग़ाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश
समादृत कवि-कथाकार और पटकथा-लेखक। ‘आधा गाँव’ और ‘टोपी शुक्ला’ सरीखे उपन्यासों के लिए स्मरणीय।
समादृत कवि-कथाकार और पटकथा-लेखक। ‘आधा गाँव’ और ‘टोपी शुक्ला’ सरीखे उपन्यासों के लिए स्मरणीय।