मानबहादुर सिंह की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1938 - 1996 | सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश
सुपरिचित कवि। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।
सुपरिचित कवि। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।