केहरि सिंह मधुकर की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1930 - 2000 | सांबा, जम्मू कश्मीर
डोगरी कविता की प्रगतिशील धारा के स्तंभ कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
डोगरी कविता की प्रगतिशील धारा के स्तंभ कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।