कमलेश की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1938 - 2015 | गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
सातवें दशक के कवि। ‘जरत्कारु’ शीर्षक कविता-संग्रह और समाजवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।
सातवें दशक के कवि। ‘जरत्कारु’ शीर्षक कविता-संग्रह और समाजवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।