जुगलप्रिया के पद
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1871 - 1921 | फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश
रीतिकाल के अंतिम वर्षों में सक्रिय कवयित्री। भक्ति, नीति और शृंगार कविता के वर्ण्य-विषय।
रीतिकाल के अंतिम वर्षों में सक्रिय कवयित्री। भक्ति, नीति और शृंगार कविता के वर्ण्य-विषय।