हेमचंद्र की संपूर्ण रचनाएँ
दोहा 56
उद्धरण 1

जो सर्वज्ञ है, राग आदि दोषों को जीत चुका है, त्रिलोक में पूजित है, वस्तुएँ जैसी हैं उन्हें वैसी ही कहता है, वही परमेश्वर अर्हत् देव है।
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