असंगघोष की कविताएँ
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1962 | जबलपुर, मध्य प्रदेश
सुपरिचित कवि-लेखक। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।
सुपरिचित कवि-लेखक। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।