आन्द्रेई तारकोवस्की का सिनेमा सिनेमा लेखन
समय में गढ़ते हुए
फ़िल्मीय बिंब "बात को कुछ इस तरह कहें कि कोई आत्मिक यानी महत्वपूर्ण फेनोमना महत्वपूर्ण है तो विशेषकर इसीलिए क्योंकि वह अपनी स्वयं ही की सीमा लाँघता है, वह किसी विशाल आध्यात्मिक और ज़ियादा ही बड़ी सार्वभौमिक बात की अभिव्यक्ति और प्रतीक की तरह, बल्कि
काल-सृजन फ़िल्म अभिनेता
जब मैं कोई फ़िल्म बनाता हूँ तब उसकी पूरी ज़िम्मेवारी मेरी ही होती है, यहाँ तक कि अभिनेताओं के प्रदर्शन (परफ़ॉर्मेंस) के लिए भी मैं ही ज़िम्मेवार हूँ। रंगमंच में बात अलग है—वहाँ उपलब्धियों और विफलताओं के लिए अभिनेता की ज़िम्मेवारी अत्यंत विशाल होती है।
समय, लय और संपादन
फ़िल्मीय बिंब के बाबत मनन करते हुए मैं इस बहुप्रचारित विचार को एकदम निरस्त करना चाहता हूँ कि वह मूलतः 'संयोजित' है। मुझे यह धारणा नागवार लगी क्योंकि इसमें यह अंतर्निहित मान लिया गया कि सिनेमा सगोत्र कला रूपों के गुणों पर आधारित है और उसमें अपने स्वयं
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere