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यश कारण बलि राजा

yash karan bali raja

बैताल

अन्य

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बैताल

यश कारण बलि राजा

बैताल

और अधिकबैताल

    यश कारण बलि राजा बावन को तिरलोक दिये।

    यशकारण राजाकरण कमठको कछू शोचकिये॥

    यश कारण हरिचन्द्र नीचघर नारि समर्प्यो।

    यश कारण जगदेव शीश कङ्कालिहि अर्प्यो॥

    यश अजर अमर बैताल भनत जो यशै अमरपद पाइये।

    अश्वपति गजपति नृपति है तो रिसकरि यश गँवाइये॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : कुण्डलियाँ गिरिधरराय (पृष्ठ 35)
    • रचनाकार : बैताल
    • प्रकाशन : नवलकिशोर प्रेस , लखनऊ
    • संस्करण : 1922

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