आदमी से तुम जन्मे और आदमी में ही जाकर विलीन हो जाना है
adami se tum janme aur adami mein hi jakar vilin ho jana hai
येहूदा आमिखाई
Yehuda Amichai

आदमी से तुम जन्मे और आदमी में ही जाकर विलीन हो जाना है
adami se tum janme aur adami mein hi jakar vilin ho jana hai
Yehuda Amichai
येहूदा आमिखाई
और अधिकयेहूदा आमिखाई
युद्ध में मौत की शुरुआत
सीढ़ियाँ उतरते नौजवान के साथ होती है
युद्ध में मौत की शुरुआत
बेआवाज़ दरवाज़ा बंद होने के साथ होती है।
युद्ध में मौत की शुरुआत
निहारने के लिए खिड़की खुलने के साथ होती है।
लिहाज़ा : जाने वाले के लिए मत रोओ
रोओ उसके लिए, जो घर की सीढ़ियाँ उतरता है,
रोओ उसके लिए, जो अपनी अकेली और आख़िरी चाबी
अपनी बैक पॉकिट में रखता है,
रोओ उस तस्वीर के लिए, जो हमारी बजाए याद रखती है
उस काग़ज़ के लिए, जो याद रखता है
रोओ उन आँसुओं के लिए, जो याद नहीं रखते।
और इस वसंत में
खड़े होकर जो धूल से कहेगा :
आदमी से तुम जन्मे और आदमी में ही जाकर विलीन हो जाना है।
- पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 380)
- संपादक : वंशी माहेश्वरी
- रचनाकार : येहूदा आमिखाई
- प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
- संस्करण : 2020
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