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सवाल

sawal

घनश्याम कुमार देवांश

अन्य

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और अधिकघनश्याम कुमार देवांश

    सवाल प्यार करने या करने का नहीं था दोस्त

    सवाल किसी हाँ या का भी नहीं था

    सवाल तो यह था

    कि उन आँखों में हरियाली क्यूँ नहीं थी

    और क्यूँ नहीं थी वहाँ

    ख़ामोश पत्थरों की जगह

    एक बुड़ावदार झील?

    सवाल मिलने या मिलने का नहीं था दोस्त

    सवाल ख़ुशी और नाराज़गी का भी नहीं था

    सवाल तो यह था

    कि एक उदास तख़्ती के लिए क्यूँ नहीं थी

    दुनिया भर में कहीं कोई खड़िया मिट्टी

    और क्यूँ नहीं थी एक भी दूब

    इतने बड़े मैदान में?

    सवाल ताल्लुक़ात रखने या मिटा देने का नहीं था दोस्त

    सवाल ज़रूरत या ग़ैरज़रूरत का भी नहीं था

    सवाल तो यह था कि इतनी बड़ी दुनिया में

    कोई इतना अकेला क्यूँ था

    और क्यूँ नहीं था उसके पास

    एक भी सवाल

    इतनी बड़ी दुनिया के लिए?

    स्रोत :
    • रचनाकार : घनश्याम कुमार देवांश
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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