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समय काटना

samay katna

राजीव कुमार तिवारी

अन्य

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और अधिकराजीव कुमार तिवारी

    समय से पहले कहीं पहुँच जाना

    और फिर समय होने तक

    वहाँ टिके रहना

    ऊब व्यग्रता भटकाव और थकान

    से भरा होता है

    वह अंतराल

    जिसमें समय कटता नहीं

    उसे काटना पड़ता है

    किसी ऑफ़िस या दुकान के

    खुलने के समय से पहले

    वहाँ पहुँच जाना

    किसी ने मिलने का जो समय दिया हो

    उससे पहले

    उस जगह होना

    व्यर्थ भटकते हैं

    फिर हम इधर-उधर

    समय के शून्य को भरने के लिए

    जिन प्रश्नों का उत्तर पता होता है

    उन प्रश्नों को भी पूछते हैं कई बार

    कभी ख़ुद से कभी दूसरों से

    पता होता है

    आगे जाकर गली बंद हो गई है

    फिर भी वहाँ पहुँचकर

    उसके दाएँ-बाएँ से

    आगे का रास्ता ढूँढ़ते हैं

    किसी दुकान में घुस जाते हैं यूँ ही

    चीज़ों के दाम

    उनके ब्राँड साइज़ क्वालिटी पर

    बातें करते हैं

    मोल-तोल कर के

    फिर निकल जाते-लेते हैं

    यूँ ही खाली हाथ

    बड़े दिलचस्प ढंग से

    करते हैं हम ये काम कभी-कभी

    बाद में सोचकर

    हँसना आता है

    और अपनी अभिनय कला पर

    गुमान भी होता है थोड़ा बहुत।

    स्रोत :
    • रचनाकार : राजीव कुमार तिवारी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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