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किसी मलमास साल में

kisi malmas saal mein

अनुवाद : सुरेश सलिल

येहूदा आमिखाई

अन्य

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येहूदा आमिखाई

किसी मलमास साल में

येहूदा आमिखाई

और अधिकयेहूदा आमिखाई

    किसी मलमास साल में मृत्यु का दिन और पास जाता है, या

    जन्म के दिन से और दूर चला जाता है,

    अँगूर दर्द से भरे हुए हैं,

    उनका रस मानव-शुक्र जैसा गढ़िया गया है,

    और मैं उस आदमी की तरह हूँ जो दिन में,

    रात के सपनों में आई जगहों से होकर गुज़रता है,

    चुप्पी-भरे लंबे सालों ने जो कुछ भुलाए रखा

    एक आकस्मिक ख़ुशबू उसे मेरे क़रीब वापस ले आती है,

    बारिश की शुरुआत में बबूल के फूल

    और अरसे तक घरों के नीचे दफ़्न रही रेत,

    अब मेरे बस में शाम की उदासी भर है,

    जो मेरे पास है उसमें मैं ख़ुश हूँ और अब भी जो कुछ

    मैं कहना चाहता हूँ वह है मेरा नाम, पता-ठिकाना

    और शायद मेरी वल्दियत, युद्धबंदियों की तरह

    जिन्हें जिनेवा सम्मेलन के मुताबिक़

    इतना भर कहने की छूट होती है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 368)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : येहूदा आमिखाई
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020

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