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सबसे बुरा दिन

sabse bura din

प्रियंकर पालीवाल

अन्य

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प्रियंकर पालीवाल

सबसे बुरा दिन

प्रियंकर पालीवाल

और अधिकप्रियंकर पालीवाल

    सबसे बुरा दिन वह होगा

    जब कई प्रकाशवर्ष दूर से

    सूरज भेज देगा

    'लाइट' का लंबा चौड़ा बिल

    यह अँधेरे और अपरिचय के स्थाई होने का दिन होगा

    पृथ्वी माँग लेगी

    अपने नमक का मोल

    मौका नहीं देगी

    किसी भी ग़लती को सुधारने का

    क्रोध में काँपती हुई कह देगी

    जाओ, तुम्हारी लीज़ ख़त्म हुई

    यह भारत के भुज बनने का समय होगा

    सबसे बुरा दिन वह होगा

    जब नदी लागू कर देगी नया विधान

    कि अब से सभ्यताएँ

    अनुज्ञापत्र के पश्चात ही

    विकसित हो सकेंगी

    अधिकृत सभ्यता-नियोजक ही

    मंज़ूर करेंगे बसावट और

    वैचारिक बुनावट के मानचित्र

    यह नवप्रवर्तन की नसबंदी का दिन होगा

    भारत और पाकिस्तान के बीच

    विवाद का नया विषय होगा

    सहस्राब्दियों के बाक़ी

    सिंधु सभ्यता के नगरों को आपूर्त

    जल के शुल्क का भुगतान

    मुद्रा कोष के संपेरों की बीन पर

    फन हिलाएँगी ख़स्ताहाल बहरी सरकारें

    राष्ट्रीय गीतों की धुन तैयार करेंगे

    विश्व बैंक के पेशेवर संगीतकार

    आर्थिक कीर्तन के कोलाहल की पृष्ठभूमि में

    यह बंदरबाँट के नियम का अंतरराष्ट्रीयकरण होगा

    शास्त्र हर हाल में

    आशा की कविता के पक्ष में है

    सत्ता और संपादक को सलामी के पश्चात

    कवि को सुहाता है करुणा का धंधा

    विज्ञापन युग में कविता और 'कॉपी राइटिंग' की

    गहन अंतर्क्रिया के पश्चात

    जन्म लेगी 'विज्ञ-कविता'

    यह नई विधा के जन्म पर सोहर गाने का दिन होगा

    सबसे बुरा दिन वह होगा

    जब जुड़वाँ भाई

    भूल जाएगा मेरा जन्म दिन

    यह विश्वग्राम की

    नव-नागरिक-निर्माण-परियोजना का अंतिम चरण होगा।

    स्रोत :
    • पुस्तक : समकालीन सृजन : कविता इस समय (पृष्ठ 278)
    • संपादक : मानिक बच्छावत
    • रचनाकार : प्रियंकर पालीवाल
    • संस्करण : 2006

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