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आपकी साज़िशें

apaki sazishen

सुल्तान अहमद

अन्य

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सुल्तान अहमद

आपकी साज़िशें

सुल्तान अहमद

और अधिकसुल्तान अहमद

    सड़कें

    सन्न रह जाती है

    हैबत से

    हवा की आँखें

    बाहर निकल आती है

    महामारी की तरह

    आपकी साज़िशें

    चौतरफ़ा फैल जाती हैं

    टपाटप

    गिरने लगते हैं आदमी

    आपकी साज़िशें अगर

    सफल हो जाएँगी

    तो दुनिया की

    तमाम रोशनी को

    निगल ले जाएँगी

    इस राज को समझकर

    जो दहल जाते हैं

    आपके नाम पर

    गालियाँ नहीं जाया करेंगे

    लोगों को आपकी

    साज़िशें समझाया करेंगे

    स्रोत :
    • रचनाकार : सुल्तान अहमद
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए वंदना द्वारा चयनित

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