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रास्ता

rasta

नरेश चंद्रकर

अन्य

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और अधिकनरेश चंद्रकर

    यह रास्ता है

    जैसे कहीं से हट कर इधर गया है

    इसे धान के खेतों के बीच रहना पसंद है

    इसे तेज़ बरसात और कड़कती विद्युत-ध्वनियों में

    जैसे शमशीर-सा चमकता पसंद है अपने आपमें

    इसे ख़रीफ़ और रबी के बीच फैली गंध का

    रास्ता बनना पसंद है

    इसे जैसे धान काट कर ले जाने की सुविधा देना है

    इसने जैसे तय ही कर लिया है

    खेतों में आती-जाती ग्रामीण युवतियों को

    अजनबी नहीं होने देना है

    वे चलें तो अपना-सा लगे पैरों को

    यह रास्ता है बड़ा निराला

    जो चाहने पर बना लिया जाता है

    अनाज सुखाने के लिए बड़ा-सा सूपड़ा

    बहुत दिनों बाद दिखा

    यह अनोखा रास्ता!

    स्रोत :
    • रचनाकार : नरेश चंद्रकर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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