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बागी लड़कियाँ

bagi laDkiyan

रेखा राजवंशी

अन्य

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रेखा राजवंशी

बागी लड़कियाँ

रेखा राजवंशी

और अधिकरेखा राजवंशी

    वो लड़कियाँ

    जो माहौल में नहीं ढलती

    बागी कहलाती हैं

    वे बागी होती हैं

    क्योंकि उनके ख़ूबसूरत

    शरीर के अंदर

    धड़कता है एक

    प्रेम भरा दिल

    क्योंकि उनकी

    आँखें ही नहीं दिमाग़ भी

    देखता है सब कुछ

    सोचता है, समझता है

    महसूस करता हैI

    वो हाड़ माँस की

    कठपुतलियाँ नहीं होतीं

    वो…वो…

    क़ैद नहीं होतीं

    समाज के जंग खाए तालों में

    वो बागी होती हैं

    क्योंकि वो घर से भाग जाती हैं

    अपनी राह चुनने

    छोड़ देती हैं बचपन

    और नए ख़्वाब

    लगती हैं बुनने

    विद्रोह करती

    ये बागी लड़कियाँ

    जब पकड़ी जाती हैं

    तो कभी ज़मीन में गाड़कर

    पत्थरों से मार दी जाती हैं

    कभी सबके सामने

    गोलियों से भून दी जाती हैं

    कभी नुक्कड़ के पेड़ पे

    फाँसी पे लटका दी जाती हैं

    जब भी वो लीक से हटती हैं

    कभी वीर बाला लाइना की तरह

    काट दिए जाते हैं उनके स्तन

    कभी निर्भया-सी

    किडनैप कर ली जाती हैं

    और सामूहिक बलात्कार के बाद

    फेंक दी जाती हैं चलती बस से

    असमय मरने कोI

    पर फिर भी ये बागी लड़कियाँ

    कम नहीं होतीं

    वे घर में चैन से नहीं बैठतीं

    क्योंकि वे जानती हैं

    स्वतंत्र हवा में साँस लेने का सुख।

    स्रोत :
    • रचनाकार : रेखा राजवंशी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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