बलात्कार पर कविताएँ

बलात्कार निकृष्टतम अपराधों

में से एक है जो अपनी समग्रता में पूरी मानवीयता को शर्मसार करता है। कविता ने इस विषय पर लगातार संवाद की कोशिश की है। प्रस्तुत चयन ऐसी ही कविताओं का है।

बचपन से लिंग अब तक

उस्मान ख़ान

सरिये

नवीन रांगियाल

लड़की

ललन चतुर्वेदी

बलात्कार

अमिताभ

चुप्पी का समाजशास्त्र

जितेंद्र श्रीवास्तव

मत्स्यगंधा

कुलदीप कुमार

ख़तरा

नवीन रांगियाल

आसिफ़ा और आदमख़ोर

अमित धर्मसिंह

हमारे पास जो है

संतोष अर्श

ख़तरे से भरी रात

नीलेश रघुवंशी

दामिनी का दर्द

पद्मजा शर्मा

निर्भया

विशाखा मुलमुले

दामिनी

राम जन्म पाठक

बागी लड़कियाँ

रेखा राजवंशी

एक पिता का बयान

कौशल किशोर

बलात्कार

रेखा राजवंशी

एक माँ का एकालाप

मोहन कुमार डहेरिया

बलात्कार के बाद

नेहा नरूका

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere