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राई का दाना

rai ka dana

मोनिका कुमार

अन्य

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मोनिका कुमार

राई का दाना

मोनिका कुमार

और अधिकमोनिका कुमार

    उपेक्षा अस्तित्व के किसी अमूर्त हिस्से पर नहीं

    सीधा दिल पर आघात करती है।

    हर बार की दुत्कार से

    हमारा दिल थोड़ा सिकुड़ जाता है।

    एक दिन यह सिकुड़ कर इतना छोटा हो जाता है

    जैसे राई का दाना,

    राई का दाना इतना छोटा होता है

    जैसे है ही नहीं,

    लिहाज़ा चम्मच भर डालने की सलाह देती हैं चाचियाँ

    जिन्होंने सदियों पहले समझ लिया था

    उपेक्षा से मिले दुःख अपनी जगह

    और अरहर की दाल का स्वाद अपनी जगह है।

    प्रणय-प्रस्ताव के प्रत्युत्तर में

    तुम्हें देने के लिए

    मेरे पास राई के दाने जितना दिल है,

    यह तुम देखो

    इतना छोटा दिल अगर ठीक होगा

    प्रेम के लिए।

    स्रोत :
    • पुस्तक : आश्चर्यवत् (पृष्ठ 29)
    • रचनाकार : मोनिका कुमार
    • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
    • संस्करण : 2018

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