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पुराने मीतों को न भुलाने की प्रार्थना

purane miton ko na bhulane ki pararthna

विलियम बटलर येट्स

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विलियम बटलर येट्स

पुराने मीतों को न भुलाने की प्रार्थना

विलियम बटलर येट्स

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    माना मैंने, प्राण,
    तुम्हारे लिए आज दिन शानदार हैं;
    जनता से उठकर आवाज़ें, नए मित्रगण
    नित्य तुम्हारा अभिनंदन करते रहते हैं
    मत अनुदार बनो, मत गर्व करो तुम इस पर,
    सबसे ज़्यादा, प्राण, पुराने मीतों के बारे में सोचो।
    क्रूर समय की बाढ़ किसी दिन आएगी ही,
    और तुम्हारी सब सुंदरता साथ बहाकर ले जाएगी,
    सब आँखों से;
    किंतु न उनमें शामिल होंगी मेरी आँखें।

       
    स्रोत :
    • पुस्तक : मरकत द्वीप का स्वर (पृष्ठ 50)
    • रचनाकार : विलियम बटलर येट्स
    • प्रकाशन : राजपाल एंड संस
    • संस्करण : 1965

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