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प्रायः वन गुलाबी रहते हैं

praayः van gulabi rahte hain

अनुवाद : चंद्रबली सिंह

एमिली डिकिन्सन

अन्य

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एमिली डिकिन्सन

प्रायः वन गुलाबी रहते हैं

एमिली डिकिन्सन

 

प्रायः वन गुलाबी रहते हैं—
प्रायः वे भूरे रहते हैं।
प्रायः मेरे जन्म के नगर के पीछे
शैल निर्वस्त्र होते हैं।
प्रायः वह शीश जिसे देखा करती थी,
किरीट धारण कर लेता है—
और उतनी ही बार एक विवर
जहाँ वह हुआ करता था—
और लोग मुझे बताते हैं कि पृथ्वी—
अपनी धुरी पर घूमी!'
अद्भुत विवर्तन!
मात्र द्वादश से संपादित हुआ!

  
स्रोत :
  • पुस्तक : एमिली डिकिन्सन की कविताएँ : संचयन (पृष्ठ 16)
  • रचनाकार : एमिली डिकिन्सन
  • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली
  • संस्करण : 2011

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