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तारों और गुलाबों की तरह

taron aur gulabon ki tarah

मारीना त्स्वेतायेवा

अन्य

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मारीना त्स्वेतायेवा

तारों और गुलाबों की तरह

मारीना त्स्वेतायेवा

और अधिकमारीना त्स्वेतायेवा

     

    तारों और गुलाबों की तरह
    बड़ी होती जाती हैं कविताएँ
    सौंदर्य की तरह वे होती हैं अवांछनीय।

    मुकुटों और प्रशस्तियों के बारे में
    एक ही उत्तर है मेरे पास
    कि वे मुझे क्योंकर मिलेंगे?

    सोए होते हैं हम जब
    अँगीठी के पास से
    प्रकट होता है चार पंखुरियों वाला दिव्य अतिथि।

    ओ मेरी दुनिया, समझने की कोशिश कर!
    सपनों में अनावृत किए हैं गायक ने
    तारों के नियम और सूत्र फूलों के। 

         
    स्रोत :
    • पुस्तक : इस बेसहारा वक़्त में (पृष्ठ 117)
    • रचनाकार : मारीना त्स्वेतायेवा
    • प्रकाशन : प्रकाशन संस्थान, नई दिल्ली
    • संस्करण : 2013

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