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विमान परिचारिका

viman paricharika

अनुवाद : सुरेश सलिल

येहूदा आमिखाई

अन्य

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येहूदा आमिखाई

विमान परिचारिका

येहूदा आमिखाई

और अधिकयेहूदा आमिखाई

    उस विमान परिचारिका ने हमसे धूम्रपान की

    सारी चीज़ें बुझा देने को कहा

    और ब्योरा नहीं दिया : सिगरेट, सिगार या पाइप,

    दिल ही दिल मैंने उसे जवाब दिया,

    तुम्हारे पास इश्क़ की ख़ूबसूरत चीज़ है

    और मैंने भी ब्योरा नहीं दिया,

    और उसने मुझे बकसुआ कसने, ख़ुद को

    कुर्सी से बाँध लेने को कहा

    और मैंने उससे कहा, मेरी ख़्वाहिश है

    कि मेरी ज़िंदगी के सारे बकसुए तुम्हारे मुँह की बनक के हो जाएँ

    और उसने मुझसे कहा, आपको कॉफ़ी अभी चाहिए या बाद में,

    या क़तई नहीं!

    और वह मेरे सामने से

    आसमान को छूती हुई-सी गुज़र गई।

    उसकी बाँह पर दीखते नश्तर के छोटे-से निशान ने

    ताईद की कि चेचक की चपेट में वो कभी नहीं आएगी

    और उसकी आँखों ने ताईद की

    कि इश्क़-विश्क़ के चक्कर में वो दुबारा कभी नहीं पड़ेगी।

    उसका रिश्ता दरअस्ल

    पूरी ज़िंदगी में सिर्फ़ एक बार इश्क़ करने वाले आशिक़ों के

    कट्टरपंथी गिरोह से है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 371)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : येहूदा आमिखाई
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020

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