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पाठ्यक्रम के उदाहरणार्थ वाक्यों का बदलना

pathyakram ke udaharnarth vakyon ka badalna

मेधा झा

मेधा झा

पाठ्यक्रम के उदाहरणार्थ वाक्यों का बदलना

मेधा झा

और अधिकमेधा झा

    तुम्हारे कलात्मक हाथों से

    कपड़े तह किए जा रहे थे

    अब उठाया कपड़ा तुमने

    अपनी स्त्री का

    प्रत्येक कपड़े को समेटने के ढंग में 

    दिख रही थी पूर्णता तुम्हारी,

    अब बारी थी बच्ची के कपडों की

    एक-एक कर छोटे-छोटे रंग-बिरंगे कपड़ों का गुलदस्ता-सा तैयार हो रहा था और

    दिख रहा था उन हाथों का कौशल,

    जो हर काम पूर्णता से करने में सक्षम है।

    और अब बन रहा था 

    आज का विशेष व्यंजन

    फिर उन्हीं हाथों का कमाल दिख रहा था

    घर में बच्चे नाच-कूद रहे थे

    प्रतीक्षा में अपने पसंदीदा व्यंजन के।

    क्या ये मात्र था कपड़ा तह करना

    या खाना बनाना?

    नहीं, ये था पाठ्यक्रम के 

    उदाहरणार्थ वाक्य—

    'माँ खाना बनाती है' और 

    'पिता अख़बार पढ़ते हैं' से

    'माता-पिता खाना बनाते हैं और 

    दोनों अख़बार पढ़ते हैं' तक का बदलाव

    जो बदलने जा रहा था

    'द ग्रेट इंडियन किचन' को

    और उसके साथ 

    किसी भी हालत में

    शहीद होती माँ की छवि को 

    और साथ ही बदल रहा था

    कर्मों का लिंग निर्णय।

    स्रोत :
    • रचनाकार : मेधा झा
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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