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धूप का स्टिकर

dhoop ka sticker

अनुवाद : राघु मिश्र

शक्ति महांति

अन्य

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शक्ति महांति

धूप का स्टिकर

शक्ति महांति

और अधिकशक्ति महांति

    फ़ुटपाथ की छाँव में ही मिल जाएगा

    वह तोता, जो हरे शब्द तो बोल नहीं पाता

    पर बता सकता है क़िस्मत का लेखा

    उसके पिंजड़े के चार-पाँच कल में से

    एक को चुनना होगा इस धूप में

    धूप में देखो रफ़्तार में है एंबुलेंस

    उसका कोहराम क्या सुनाई नहीं दे रहा होगा

    उस आदमी को, जो कष्ट में या कोमा में

    घिसटा चला जा रहा है राजपथ पर

    नर्स का सफ़ेद पहनावा भी कफ़न-सा लगेगा उसे

    बदन भी इस धूप में लग रहा होगा बर्फ़-सा

    लू में पलाश-सा दहक रहा ये शहर

    गाड़ी भर आइसक्रीम लिए भी वह आदमी

    पसीना पोंछते, चप्पल घसीटते पहुँच रहा

    प्याऊ में, छाँव उसकी चूर-चूर

    बिखर रही, उबलते कोलतार पर

    चेहरे पर नक़ाब ओढ़े, गुलाबी टॉप की काँख भिगोए

    जो लड़की भागी जा रही चीरकर धूप का शामियाना

    तेज़ धूप की छाती पर उसके चक्के की निशानी

    शायद कल सुबह की पहली ख़बर बने

    सिंदूर से सजे देव-सा लग रहा

    यह पोस्ट बॉक्स, जिसे डस्टबिन समझ

    कभी-कभार कोई प्रेम-पत्र फेंक जाता

    धूप की आँच में नहीं, हथेली के पसीने से भी

    उसका पता भीग जाता, यह बात

    सिर्फ़ डाकिया ही जानता है

    एफ़.एम. रेडियो से कड़ी धूप की ख़बर रही

    सारी राहें गुलमोहर की क़तार तक पहुँच रहीं

    देखो उधर, पारे-सी चमकीली मरीचिका

    राह रोक कर बैठ गई और सुंदरी ट्रैफ़िक पुलिस

    इक नए रास्ते की ओर इशारे से बुला रही।

    स्रोत :
    • पुस्तक : सदानीरा
    • संपादक : अविनाश मिश्र
    • रचनाकार : शक्ति महांति
    • प्रकाशन : सदानीरा पत्रिका

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