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ओ! सभ्यता बनाने वाले

o! sabhyata banane vale

धनंजय मल्लिक

अन्य

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धनंजय मल्लिक

ओ! सभ्यता बनाने वाले

धनंजय मल्लिक

और अधिकधनंजय मल्लिक

    दुनिया को तेज गति से आगे ले जाने वाले

    ओ! सभ्यता बनाने वाले

    क्या तुम पानी बना सकते हो

    जिससे सूखे गले की प्यास बुझे

    या हवा

    क्या तुमने बनाया है पेड़

    जिससे निकली हो हवा ताज़ी

    और जिसमें फले हो सचमुच के फूल और फल

    क्या आकाश को गढ़ा है तुमने कभी

    उसके विभिन्न रंगों के साथ

    कभी वर्षा करवाए हैं

    क्या नदी भी बनाया है तुमने

    जिसमें समाहित हो सके जीवन की धार

    क्या पहाड़ों को हूबहू वैसे ही खड़ा किया है ज़मीन पर

    जैसे वे होते हैं

    सूर्य और चाँद को क्या धरती पर बनाया है तुमने

    अच्छा! मिट्टी भी बना लेते हो क्या

    मुझे पता है

    तुम ये सब कर सकते हो

    और करते भी आए हो

    तुम्हें प्रकृति को कृत्रिम बनाना आता है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : धनंजय मल्लिक
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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