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नया राजा

naya raja

चंद्रेश्वर

अन्य

अन्य

चंद्रेश्वर

नया राजा

चंद्रेश्वर

और अधिकचंद्रेश्वर

    कराया था आयोजन

    कुश्ती दंगल का

    रघु भाई ने

    बनाया था अखाड़ा

    खुले मैदान पर

    आए थे कई पहलवान

    छोटे-बड़े

    बाहर के भी

    मुख्य अतिथि थे राजा साहब

    मानती आई थी जनता जिन्हें

    राजा ही

    स्वाधीनता के साठ साल बाद भी

    एक पहलवान जो बेहद मायूस था

    पटके जाने के बाद

    बोला—

    पहले ख़ूब कुश्तियाँ होती थीं

    राजा भी रखते थे ख़्याल

    पहलवानों का

    अब तो कितनी कम होती हैं

    कुश्तियाँ

    जैसे दिख जाते हैं

    शहर की बारात में

    एकाध हाथी

    कभी-कभार

    वैसे ही पहलवान भी

    दिन-ब-दिन मर रही है

    पहलवानी की कला

    लोगबाग भूल रहे हैं

    पुराने दाँव-पेंच

    ऐसे में महान हैं

    रघु भाई

    जिन्होंने कराया ये दंगल

    कुश्ती का

    दिखाया मुफ़्त तमाशा

    रघु भाई ही हैं सचमुच

    आज के नए राजा

    जनता में भी तो धौंस है इनकी ही

    कहे कोई डरते-डरते

    बचते हुए

    दीवारों के कान से

    कि रघु भाई हत्यारा है

    है एक वूड माफ़िया

    पुराने राजा भी तो कह रहे थे

    अपने संबोधन में

    रघु भाई को ही

    नया राजा

    जनता जय जयकार कर रही थी

    नए राजा की

    कुछ दबे स्वर में…!!

    स्रोत :
    • रचनाकार : चंद्रेश्वर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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