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जोशीमठ में दरारें

joshimath mein dararen

खेमकरण ‘सोमन’

अन्य

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खेमकरण ‘सोमन’

जोशीमठ में दरारें

खेमकरण ‘सोमन’

और अधिकखेमकरण ‘सोमन’

    लोगों ने कहा—

    पड़ गई हैं जोशीमठ में दरारें

    दरारें पड़ गई हैं नैनीताल, उत्तरकाशी,

    पिथौरागढ़, मसूरी और टिहरी आदि शहरों में भी

    दहशत की इन किताबों को

    पढ़ रहे हैं हम पत्र-पत्रिकाओं में और फ़ेसबुक पर

    देख रहे हैं उनका सस्वर वाचन

    यूट्यूब और टीवी पर भी

    कहो, क्या होगा अब?

    दूसरे राज्य-शहरों में रह रहे लोगों की

    ऐसी बातें सुनकर

    मैं चुप रहा कुछ क्षणों तक

    कुछ दिनों तक

    कुछ महीनों तक

    फिर चुप रहना ही उचित समझा

    हमेशा के लिए

    अब उन्हें क्या बताता कि

    अभी तो दरारें पड़ी हैं केवल इन शहरों में

    अभी तो दरारें पड़ेंगी

    जाने किन-किन शहरों में!

    अब उन्हें क्या बताता कि

    इन शहरों के दिलों में तो

    बहुत बाद में पड़ीं दरारें

    उससे पहले ही पड़ गई थीं यहाँ के लोगों में

    उनके दिलों में

    उनकी सोच-समझ और विचारों में

    राजनेताओं में—

    राजनीति की गलियारों में!

    ये सब

    अब क्या बताता उन्हें।

    स्रोत :
    • रचनाकार : खेमकरण ‘सोमन’
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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