मैंने उन सबसे प्रेम किया

mainne un sabse prem kiya

नवीन रांगियाल

नवीन रांगियाल

मैंने उन सबसे प्रेम किया

नवीन रांगियाल

मैं उन सीढ़ि‍यों से भी प्रेम करता हूँ

जिन पर चलकर उससे मिलने जाया करता था

और उस खिड़की से भी

जिसके बाहर देखती थीं उसकी उदास आँखें

मुझे अब भी उस अँधेरे से प्रेम है

जिसके उजालों में चलकर पहुँचा था उसके पास

मैंने उन सारी चीज़ों से प्रेम किया

जो उसके हाथों से छुई गई थीं—

कभी कभी

जैसे दीवार

काजल लगा आईना

कपड़े सुखाने की रस्‍सियाँ

कमरे की चाबियाँ

और कमरे की सारी खूँटियाँ—

जहाँ हमने अपनी प्रार्थनाएँ लटकाई थीं कभी

मैंने अलमारी में लटके उन सारे हैंगर्स से भी प्रेम किया

जिनमें सफ़ेद झाग वाले सर्फ़ की तरह महकते थे उसके हाथ

मैंने उन सारी चीज़ों से प्रेम किया

जिन्‍हें उसके तलवों ने छुआ था

जैसे पृथ्‍वी

जैसे यह सारा संसार

इस तरह मैंने

दुनिया की हर एक चीज़ से प्रेम किया—

उसके प्रेम में।

RECITATIONS

नवीन रांगियाल

नवीन रांगियाल,

नवीन रांगियाल

मैंने उन सबसे प्रेम किया नवीन रांगियाल

स्रोत :
  • रचनाकार : नवीन रांगियाल
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए द्वारा चयनित
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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