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मैं बाहर से बंद था क्या

main bahar se band tha kya

अविनाश मिश्र

अन्य

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अविनाश मिश्र

मैं बाहर से बंद था क्या

अविनाश मिश्र

और अधिकअविनाश मिश्र

    माथा मेरा गर्म था

    लेकिन किसी ने छुआ नहीं

    मैं खाना खाकर नहीं आया था

    लेकिन ‘खाओगे?’ किसी ने पूछा नहीं

    चाय ज़्यादा नहीं दो या तीन कप दिन भर में

    कोई साथ में पीए तो बहुत बेहतर

    उसे अकेले खौलाने का साहस नहीं रहा

    लेकिन सब शराब पीना चाहते थे

    किसी ने नहीं कहा कि कभी घर चाय पर आइए

    मैं बहुत दिनों से सीने में उठते दर्द को दबाए हुए हूँ

    लेकिन वे चाहते हैं कि मैं उनके साथ ज़ोर-ज़ोर से हँसूँ

    स्रोत :
    • रचनाकार : अविनाश मिश्र
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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