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मैला और जुड़ा हुआ

maila aur juDa hua

अनुवाद : कांता

अन्ना अख्मातोवा

अन्य

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अन्ना अख्मातोवा

मैला और जुड़ा हुआ

अन्ना अख्मातोवा

और अधिकअन्ना अख्मातोवा

    मैला और जुड़ा हुआ

    पुल लकड़ी का,

    —ऊँचे आदमी के बराबर।

    गाते हैं बिच्छु-झाड़ी के जंगल

    कि कौंध नप पाएगी दराँत

    उन के आर-पार।

    शाम झील पर सुनाई देती है एक उसाँस,

    दीवारों पर चढ़ चुकी है

    खुरदुरी सेवार।

    मैं थी वहाँ

    इक्कीस वर्षीया।

    काला, तीख़ा शहद

    ज़बान को लगा था मीठा।

    टहनियों ने दी फाड़

    सफे़द रेशम की मेरी पोशाक।

    और विरूप देवदार पर

    गाती थी बुलबुल—लगातार।

    अपने गुप्तवास से निकला वह बाहर

    निश्चित पा कर संकेत,

    किसी वन्य आत्मा-सा निरंकुश, किंतु

    बहन से अधिक कोमल।

    मैदान के पार दौड़ो,

    तैरो नदी-पार तक,

    कहूँगी नहीं बाद में :

    मुक्ति दो मुझे।

    स्रोत :
    • पुस्तक : सूखी नदी पर ख़ाली नाव (पृष्ठ 358)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : अन्ना अख्मातोवा
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020

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