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महिला सुरक्षाकर्मी

mahila surakshaakarmii

संजय कुंदन

अन्य

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संजय कुंदन

महिला सुरक्षाकर्मी

संजय कुंदन

और अधिकसंजय कुंदन

    जब वह सड़क पर दिखती है मुस्तैद खड़ी

    तो कोई उसकी नथ देखता है

    और चौंक उठता है—अरे, यह नथ भी पहनती है

    कोई उसके हाथों की ओर देखता है और आश्चर्य करता है

    अरे यह मेहँदी भी लगाती है

    कोई करता है प्रश्न

    क्या यह खड़ी रह पाती होगी धूप में घंटों?

    उस महिला सुरक्षाकर्मी को घूर रहे मर्दों को क्या मालूम

    कि यह उस औरत की बेटी है

    जो रोज़ दस मील चलकर

    किसी बीहड़ से निकाल कर लाती रही है पानी

    उसी माँ ने दिया है इसे अपना कलेजा!

    स्रोत :
    • रचनाकार : संजय कुंदन
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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