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कपड़ा, नौका औ' पदत्राण

kapDa, nauka au padatran

विलियम बटलर येट्स

अन्य

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विलियम बटलर येट्स

कपड़ा, नौका औ' पदत्राण

विलियम बटलर येट्स

और अधिकविलियम बटलर येट्स

     

    'किसका कपड़ा सीते हो तुम इतना सुंदर औ' द्युतिमान?'
    'यह कपड़ा तन पर धारण कर
    बाहर निकलेगा अवसाद,
    जो देखेगा उसकी पलकों
    पर छा जाएगा उन्माद।'
    'किसका कपड़ा सीते हो तुम इतना सुंदर औ' द्युतिमान?'

    'किसकी नाव सजाते हो तुम पालों को अंबर में तान?'
    'इस पर चढ़ अवसाद करेगा
    आँसू के सागर को पार,
    आह-भरी पालों के बल पर
    डाँड न लेगा, या पतवार।'
    'किसकी नाव सजाते हो तुम पालों को अंबर में तान?'

    'ऊन सफ़ेद लगाकर बुनते हो किन पाँवों के पदत्राण?'
    ‘इन्हें पहन अवसाद चलेगा
    जीवन के पथ पर अनजान,
    जिससे उसकी पद-छापों की
    ओर न जाए जग का ध्यान।'
    ‘ऊन सफ़ेद लगाकर बुनते हो किन पाँवों के पदत्राण?'

           
    स्रोत :
    • पुस्तक : मरकत द्वीप का स्वर (पृष्ठ 17)
    • रचनाकार : विलियम बटलर येट्स
    • प्रकाशन : राजपाल एंड संस
    • संस्करण : 1965

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