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बुनियाद

buniyad

अनुवाद : चंद्रकांत बांदिवडेकर

विंदा करंदीकर

अन्य

अन्य

मेरा आशावाद चार सौ चालीस पैरों पर खड़ा है

दोस्त, उसका गुर भी सुन लो।

एथेंस ने

सत्तर पार के सत्यशोधक सुकरात पर

युवजनों को गुमराह करने का आरोप लगाकर

जूरी के सामने उसे पेश किया,

बहुमत से वह दोषी पाया गया,

उसे विषपान की सज़ा मिली,

(उसने सज़ा कैसे काटी, यह तो प्लेटो से पूछो; विषयांतर होगा।)

लेकिन मामला यहीं नहीं समाप्त हुआ।

जूरी के पाँच सौ सदस्यों में से

दो सौ बीस ने उसे बेक़सूर पाया

(उनसे मिलने की यदा-कदा इच्छा होती है; लेकिन यह विषयांतर हुआ।)

मेरा आशावाद

प्लेटो के दो पैरों पर नहीं,

दो सौ बीस दुनी चार सौ चालीस पैरों पर खड़ा है।

स्रोत :
  • पुस्तक : यह जनता अमर है (पृष्ठ 126)
  • रचनाकार : विंदा करंदीकर
  • प्रकाशन : संवाद प्रकाशन
  • संस्करण : 2001

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