न्याय पर कविताएँ

महाभारत

अच्युतानंद मिश्र

ऊपरवाला

कविता कादम्बरी

मेरे दरवाज़े सुबह

पंकज चतुर्वेदी

उठो

डी. एच. लॉरेंस

हे ऊपर वाले पापा!

एमिली डिकिन्सन

वस्तुओं का न्याय

कुमार अम्बुज

बुनियाद

विंदा करंदीकर

इस तरह मुक़दमे चले

चंद्रकांत देवताले

फ़ैसला

विनोद भारद्वाज

चंडीगढ़ 2017

गिरिराज किराडू

सज़ा

अनिरुद्ध उमट

अंधायुग

संगीता गुंदेचा

हत्या-चक्र

अमित धर्मसिंह

तलाक़

निशांत

ख़तरनाक

लीलाधर मंडलोई

जस्टिस कर्णन

पंकज चौधरी

परमेश्वर

प्रेमजी प्रेम

रचना

शैलजा पाठक

मुक़दमा

हरे प्रकाश उपाध्याय

न्याय

आलोक आज़ाद

न्याय

अशोक कुमार पांडेय

इंसाफ़

फ़रीद ख़ाँ

अपराधबोध

नेहा अपराजिता

शिनाख़्त

प्रभात त्रिपाठी

न्याय

परमानंद श्रीवास्तव

लेबलिंग

राकेश कबीर

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere