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जोखिम

jokhim

अमित तिवारी

अन्य

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और अधिकअमित तिवारी

    ‘एकता देश को बचाए रखती है’—जैसी बातें

    मतलब खो चुकी हैं

    चारों ओर लोग घूम रहे हैं

    और पूछ रहे हैं कि किस तरफ़ हो

    ऐसे सवालों पर आदमी घर की तरफ़

    देखना चाह रहा है

    वह जवाबों से बचना चाह रहा है

    सवालों से तो पहले ही पीछा छुड़ा चुका है

    एकजुटता के आह्वान से लबरेज़ समय में

    उसके चिंतित होने की बात

    उसको अल्पमत में ला देगी

    वह एकता के बीच

    अपनी वैयक्तिकता बचाना चाह रहा है

    जबकि यह एक बहुत जोखिम भरा काम है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अमित तिवारी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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