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जीवन की रोशनी

jivan ki roshni

ऋतु त्यागी

अन्य

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ऋतु त्यागी

जीवन की रोशनी

ऋतु त्यागी

और अधिकऋतु त्यागी

    मध्यम होती जीवन की रोशनी में

    शुभकामनाएँ दो किसी को,

    उदासी की भीषण पछाड़ के बीच

    अपने अस्तित्व पर लगी

    कीलों को उखाड़ने का कृत्य लहूलुहान कर सकता है तुम्हें;

    अभी थोड़ा रुको!

    किसी नवजात हरे पत्ते पर टिका दो अपनी आँखें

    किसी पत्थर की आड़ में

    सोती मछली की खुली आँख पर

    ख़र्च कर दो अपना सुस्ताता क्षण

    तरंगित होने के लिए

    ऊब और उदासी की पहाड़ियों पर बैठकर

    आकाश से ज़िरह मत करो!

    बस अपने शर्मीले पंखों को बतियाने दो हवा के झकोरों से...

    स्रोत :
    • रचनाकार : ऋतु त्यागी
    • प्रकाशन : हिंदवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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