इतवार की तरह

itwar ki tarah

अंकुश कुमार

अंकुश कुमार

इतवार की तरह

अंकुश कुमार

मेरे जीवन में दुख

इतवार की तरह कभी नहीं आए

एक छुट्टी की तरह मुस्कान लिए

एक हल्की धौल के साथ

वे हमेशा आते रहे सोमवार को

और हफ़्ते के आख़िरी दिन तक बने रहे

हफ़्ते भर जिनका इंतज़ार किया

वे कभी नहीं आए इतवार को

वे जिनसे रोज़-रोज़

ढूँढ़ते रहे बचने का बहाना

वे हमेशा धमके ऐन इतवार के दिन

वे जिनको ढूँढ़ने चला

कभी नहीं मिले

बचपन से जवानी तक

और जिनसे उम्मीद नहीं थी

कि कभी मिलेंगे

वे चले आए

सभी वर्जनाओं को तोड़ते

इतवार को

इस इतवार ने बहुत सताया है मुझे

मैंने हर बार चाहा

कि बहुत कुछ मेरे जीवन में

इतवार की तरह हो

परंतु वह सोमवार या मंगलवार की तरह होता रहा

दुख के सबसे चरम पर पहुँचता रहा कभी तो

बिल्कुल बुधवार की तरह

और कीभी-कभी तो ऐसा हुआ

कि जब लगने लगा

अब अंत होने वाला है

ठीक तभी इतवार के दिन

वह अपनी पूरी शक्ति के साथ धमका

रिसता हुआ

दुखता हुआ

डराता हुआ

वह इतवार ही था या कुछ और

मैं नहीं जान सका

वह इतवार होने की कगार पर

सोमवार हो गया

और मैं!

मैं गिनने लगा

छह और दिन

स्रोत :
  • पुस्तक : आदमी बनने के क्रम में (पृष्ठ 112)
  • रचनाकार : अंकुश कुमार
  • संस्करण : 2022
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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