Font by Mehr Nastaliq Web

इंटरव्यू

intravyu

जयेश जीवीबेन सोलंकी

अन्य

अन्य

और अधिकजयेश जीवीबेन सोलंकी

    उसने नाम पूछा

    मैंने कहा:

    कचरा :

    वह मुस्काते-मुस्काते बोली:

    कचरा!!!

    मैंने कहा :

    हाँ कचरा;

    कचरा भंगी,

    दुख इस बात का है कि

    यह नाम

    मेरी बुआ ने नहीं रखा था।

    उसने गाँव का नाम पूछा

    मैं दुविधा में पड़ गया

    वह हँसी, और फिर से पूछा

    मैं क्या कहता

    लेकिन फिर भी कहा—गाँव से बाहर

    मेरा गाँव

    जिसका नहीं है कोई नाम

    उसे मज़ा आने लगा

    तीसरा सवाल पूछा :

    व्यवसाय?

    मैंने कहा :

    'गू' गैस कंपनी का मालिक हूँ,

    विख्यात होटलों को

    मरे हुए पशुओं के माँस की वेराइटी

    सप्लाय करता हूँ।

    जैकेट, बूट, बेल्ट बनाकर

    मँहगे भावों में विदेशों में भेजता हूँ,

    लाशों के

    एक बार पहने हुए

    फैशनेबल कपड़े

    पूरे भारत के

    शमशान गृहों से इकट्ठे करके

    शो रूम्स की डिसप्ले पर

    फिर से सजाता हूँ।

    वह अधीर हो गई

    फटाफट उसने पूछा आख़िरी सवाल :

    प्रेरणा कहाँ से मिली?

    मैं चिढ़ गया

    ग़ुस्सा हुआ

    मैंने दी मन भर की गाली

    फिर सामने किए सवाल :

    क्यों

    तुम्हारा और तुम्हारे बाप-दादा का नाम ही

    ज्ञानसूचक है?

    क्यों

    सिर्फ़ तुम्हारे ही श्रम का

    डॉलर में रूपांतरण होता है?

    क्यों

    क्या सिर्फ़ हम ही सिर पर

    मैला ढोते हैं?

    क्यों

    क्या तुम नहीं खाते

    मरे हुए पशुओं का माँस?

    क्यों

    क्या तुम नहीं पहनते

    अपने प्रियजनों की लाश पर

    ओढ़ाए हुए कपड़े?

    वह चालाक थी

    उसने तुरंत

    कमर्शियल ब्रेक ले लिया

    जो अब तक पूरा नहीं हुआ!

    स्रोत :
    • पुस्तक : गुजराती दलित कविता (पृष्ठ 186)
    • संपादक : अनुवाद एवं संपादन : मालिनी गौतम
    • रचनाकार : जयेश जीवीबेन सोलंकी
    • प्रकाशन : साहित्य अकादेमी
    • संस्करण : 2022

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए