Font by Mehr Nastaliq Web

आंतरिक शासन

antrik shasan

अनुवाद : इबोहल सिंह काड़्जम

सनख्या इबोतोम्बी

अन्य

अन्य

सनख्या इबोतोम्बी

आंतरिक शासन

सनख्या इबोतोम्बी

और अधिकसनख्या इबोतोम्बी

    एक गेरुआधारी आकार गिर पड़ा

    सोने के सिंहासन के पैरों में

    दया की एक दृष्टि

    चाहता था उसका मन।

    राजचक्रवर्ती क्लोडियम ने आदेश दिया

    गेरुआधारी की इच्छा-पूर्ति का

    पास बैठे सेनापति ने उठकर गंभीरता से

    मुस्कराकर घुसेड़ दी तलवार

    गेरुआधारी की छाती में पूरी।

    उस व्यक्ति की अंतिम साँस

    अभिशाप है साम्राज्य टूटने का

    अभिशाप है क्लोडियम के लिए व्याधि रोग से सड़ने का

    लगता है, कोई प्रभाव नहीं पड़ा कानों में उस राजचक्रवर्ती के।

    स्टेडियम के एक खंभे पर

    एक कौए ने सबको देखा, सबको सुना

    ग़ुस्से से आग-बबूला हो गया

    बुरी तरह से डाँटा उस राजचक्रवर्ती को

    डाँटते-डाँटते उड़ गया मुहल्ले और गलियों में।

    स्रोत :
    • पुस्तक : आधुनिक मणिपुरी कविताएँ (पृष्ठ 84)
    • संपादक : देवराज
    • रचनाकार : सनख्या इबोतोम्बी
    • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
    • संस्करण : 1989

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए