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हिंदी का लेखक

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आलोक श्रीवास्तव

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आलोक श्रीवास्तव

हिंदी का लेखक

आलोक श्रीवास्तव

और अधिकआलोक श्रीवास्तव

    कहाँ है मुर्शिदाबाद?

    कौन आज भी पराजित होता है प्लासी में?

    किस दुख को कह नहीं पा रही हमारी हिंदी इस बरस?

    विद्यापति कैसे बदल गया राजकमल चौधरी में?

    सन् '64 में भी होते थे शोभामंडित आयोजन दिल्ली में

    जिसमें आज गद्गद् शरीक होता साहित्य-समाज;

    कहाँ थे तब मुक्तिबोध?

    कौन रोता है पटना की सड़कों पर

    दूर देश में किसकी प्रिया बाट अगोरती?

    क्या करते हैं आज गोरख के साथी कवि-साहित्यिक-पत्रकार?

    कितने तो सवाल हैं,

    पर सभी सवालों से बड़ा ज्ञानपीठ

    बड़े हैं आयोजन, दूतावास बड़े

    मध्यमवर्ग के क्रांति-विचारक लेखक के सुख-सौभाग्य बड़े

    जो हार रही है गाँव-गली-जनपद

    वह हिंदी की जनता है

    इस जनता से हिंदी के लेखक का

    शीश बड़ा, पाँव बड़े...

    स्रोत :
    • पुस्तक : यह धरती हमारा ही स्वप्न है (पृष्ठ 31)
    • रचनाकार : आलोक श्रीवास्तव
    • प्रकाशन : संवाद प्रकाशन
    • संस्करण : 2006

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