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उम्रदराज

umradraj

अलका सिन्हा

अन्य

अन्य

अलका सिन्हा

उम्रदराज

अलका सिन्हा

और अधिकअलका सिन्हा

    ख़बर सुनी, पड़ोसी के घर

    लड़की हुई

    बावजूद इसके

    कि डॉक्टर ने ऐन तीसरे माह

    दे दी थी लड़की होने की

    ठीक-ठीक जानकारी।

    हैरानी से भरे हैं पिता

    कि वे तो सूचना मिलते ही

    ले आए थे ज़रूरी दवाएँ

    और जड़ी-बूटियाँ।

    चाची भी क़सम खाकर कहती है

    कि समय रहते ही उसने

    कर लिए थे हर संभव उपाए।

    दादी और बुआ तो साक्षी हैं

    कि बच्ची के जनमते ही

    दाई ने चटा दिया था उसे

    ढेला भर नमक।

    आश्चर्य!

    तमाम एहतियात के बावजूद

    पड़ोसी के घर लड़की हुई।

    इसीलिए अँधियारी कोठरी में

    अकेली बंद पड़ी होने के बावजूद

    आश्वस्ति से थपका रही है माँ

    अपने जीवित अस्तित्व के

    बित्ता भर सबूत को

    कि जो इतने पर भी नहीं मरी

    और धरती पर ही गिरी

    वह उम्र भी पाएगी

    पहचान भी बनाएगी।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अलका सिन्हा
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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