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ग़ालिब को सुनते हुए

ghalib ko sunte hue

शरद बिलाैरे

अन्य

अन्य

शरद बिलाैरे

ग़ालिब को सुनते हुए

शरद बिलाैरे

और अधिकशरद बिलाैरे

    आपने मेरे सलाम का

    जवाब नहीं दिया

    चचा ग़ालिब

    आप इतने उदास क्यूँ हैं

    एक बात बताइए

    आपको मौत से डर नहीं लगता

    देखिए

    यूँ हँस देने से काम नहीं चलेगा।

    बुरा मत मानना

    जितनी देर आप अपनी ग़ज़ल के

    एक-एक शे'र को गुनगुनाते रहे हैं

    उतनी देर

    यदि आप अपना पाजामा ही धोते

    तो शायद

    ऐसी उदास ग़ज़लें

    लिखने की नौबत ही नहीं आती

    वैसे आप तो बड़े शाइर हैं

    भला बताइए

    इस समय

    जब मैं

    आपको प्रेम करने के गुर

    बताने के मूड में हूँ,

    आपकी इन ग़ज़लों का क्या करूँ?

    स्रोत :
    • पुस्तक : तय तो यही हुआ था (पृष्ठ 74)
    • रचनाकार : शरद बिलौरे
    • प्रकाशन : परिमल प्रकाशन
    • संस्करण : 1982

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