गांधी मैदान के नाम एक याद

gandhi maidan ke nam ek yaad

उपांशु

उपांशु

गांधी मैदान के नाम एक याद

उपांशु

खुले मैदान में :

कुहासा,

अँधेरा,

आकृतियाँ,

फ़्लैगपोस्ट,

गांधी का पत्थर—

गांधी पत्थर का

शायद गांधी—

उस पर पड़ती रोशनी,

तेज़।

शोर। बाहर सड़क पर

गाड़ियाँ,

इंधन हवा में झोंकता मोटर पर सरपट

पैसा, तिहाड़ी को ठेंगा—चेहरे पर खँखार

थूक।

अंदर भाषा का एकत्र अट्टहास;

सब सुन रहे हैं,

कौन बोल रहा है,

सब बोल रहे हैं,

कौन सुन रहा है,

चाय चाय नींबू चाय मसाला चाय थू...

खुले मैदान में :

वो घास नोच रही है, वो आसमान देख रही है,

आँखें खरोंचती हैं तारों के लिए

स्तन पर नज़रों का खुरचना कपड़ों से अधिक गर्म रखता है बदन;

वो उसे देख रहा है, वो घास नोच रहा है,

आँखों से निगल रहा है रात, फेफड़ों में

भर रहा है धुआँ धुँध का, वह उसके होंठों से चाहता है चबा जाना

शहर की बू। दैदीप्यमान गांधी सुनता है बकबक—

आज थूकने वाले कल चाट आए थे खँखार अब दूसरों को साबुत पचाने के लिए।

दोनों चुपचाप निगले जाते हैं आँखों में

कि वे छिपा लेना चाहते हैं नज़रों में पिपासा,

वक्षों को चूमना चाहते हैं;

उसके नाख़ूनों को चबाना चाहती है,

उसकी नाभि में लेना चाहता है साँस।

खुले मैदान में :

मुंतज़िर बैठे हैं लाठियों पर थूक मल कर कि मोहब्बत गंदा शब्द है

बियाह से तर्पण करो—संसार सौष्ठव चाहता है—

उसके दाँतों पर जीभ मलना चाहती हो तुम जूठन से जुगाली करो।

लाठियाँ पटक रहे हैं हम, आग मूत रहे हैं हम;

गांधी गवाह है! गंदा है शब्द मोहब्बत, सृष्टि शुचिता की क़ायल है।

खुले मैदान में :

कुहासा, अँधेरा, आकृतियाँ, शून्य में खोई आँखें;

चूम लेना चाहता है उसके होंठ, उसके पैर का अँगूठा, उसके वक्ष, उसका घुटना;

होंठ खुरदरे, फटे हुए, ख़ून रिसता है उनसे; उसके माथे का तिलक हो जाता है सुहाग नहीं बनता—

चुंबन चाकरी नहीं। चातक सावन तक प्यासा रहता है लेकिन कौवा नाले का पानी भी पीता है।

खुले मैदान में, सबके देखने के लिए—

उनके कहने के लिए वे चूमते रहे एक दूसरे के होंठ

बेकार पीढ़ी

अश्लील, कुसंस्कारी,

चूल्लु भर पानी में डूब मरे—वो अपने केश से उसका गाल ढक लेना चाहती है।

खुले मैदान में लेकिन

वो घास नोचती है

वो घास नोचता है;

ख़्वाहिश होंठों में ग़ायब कर,

मैदान को मूँगफली दाना खिलाया जाता है।

स्रोत :
  • रचनाकार : उपांशु
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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