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फ़ुटपाथ में धँसे हुए बच्चे

footpath mein dhanse hue bachche

पंकज विश्वजीत

अन्य

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पंकज विश्वजीत

फ़ुटपाथ में धँसे हुए बच्चे

पंकज विश्वजीत

और अधिकपंकज विश्वजीत

    फ़ुटपाथ में धँसे हुए बच्चे

    भूख लिख नहीं सकते

    भूख पढ़ नहीं सकते

    पर नहीं छूटता इनका भूख से पीछा

    ये अक्सर भूखे रहते हैं

    और खा लेते हैं एक वक़्त की भूख

    इन्हें यक़ीन नहीं

    किसी सरकारी वादे में

    या किसी बहुमत की सरकार में

    इन्हें यक़ीन है तो

    खाने के फेंके गए डिब्बों में

    किसी कूड़े घर में

    किसी दूसरे शहर में

    खोदकर निकाल लिए जाते हैं

    फ़ुटपाथों से पुराने पत्थर

    बिछा दी जाती है

    संगमरमर की नई परत

    पर कभी,

    कोई नहीं निकालता

    फ़ुटपाथ में धँसे इन बच्चों को

    फिर भी, इन्हें उम्मीद है

    एक दिन

    इस चमचमाते फ़ुटपाथ की तरह

    वे भी सरकारी ख़ज़ाने में गिने जाएँगे।

    स्रोत :
    • रचनाकार : पंकज विश्वजीत
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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