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इसका क्या अर्थ है

iska kya arth hai

चेस्लाव मीलोष

चेस्लाव मीलोष

इसका क्या अर्थ है

चेस्लाव मीलोष

 

यह नहीं जानता कि यह चमकता है
यह नहीं जानता कि यह उड़ता है
यह नहीं जानता कि यह 'यह' है 'वह' नहीं

और अक्सर बारंबार भौचक
अपनी बुझती हुई सिगरेट के साथ
लाल मदिरा पीते हुए
वह नहीं यह होने के अर्थ पर विचार करता रहता हूँ

बहुत पहले जैसे ही, जब मैं बीस का था
पर तब एक उम्मीद थी, मैं सब कुछ हो जाऊँगा
संभवतः तितली या मैना तक जादू से
अब मैं ज़िले की धूल भरी सड़कें देखता हूँ
और क़स्बा जहाँ डाकपाल हर रोज़ शराब पीकर
अपना ही प्रतिरूप बने रहने के लिए उदास रहता है

यदि केवल नक्षत्र मुझे अपने में समो लेते
यदि हर चीज़ इसी तरह होती रहती
कि तथाकथित दुनिया तथाकथित देह का विरोध करती
काश! मैं कम-से-कम परस्पर विरोधी नहीं होता

       
स्रोत :
  • पुस्तक : पुनर्वसु (पृष्ठ 37)
  • संपादक : अशोक वाजपेयी
  • रचनाकार : चेस्लाव मीलोष
  • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
  • संस्करण : 1989
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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