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ड्रॉप आउट बच्चे

Draup aaut bachche

अमर दलपुरा

अन्य

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अमर दलपुरा

ड्रॉप आउट बच्चे

अमर दलपुरा

और अधिकअमर दलपुरा

    वे आते हैं जैसे झाड़ियों के पीछे से रहे हैं

    वे आते हैं जैसे सूरज को साथ लेकर रहे हैं

    वे पहाड़ों के पार से आते हैं

    वे जंगलों के बीच से आते हैं

    कभी खेतों से आते तो

    फ़सलों की तरह लहराते आते

    कभी सड़कों पर मैदान की तरह खेलते आते

    वे रोशनी की तरह आते

    वे पैरों में धूल लेकर आते

    उनकी जेब में क्या हो सकता है

    उनके बैग में क्या हो सकता है

    उनके मन में क्या होता है

    कैसे जाना जा सकता है

    उनके संसार को

    उनके थैले में टिफ़िन नहीं होता

    जैसे कि उनकी माँ घर में नहीं रहती

    उनके थैले में किताबें कम होती हैं

    जैसे कि उनके पास पिता नहीं रहते

    क्यों उनके पैरों में जूते नहीं होते

    क्यों उनकी शर्ट के बटन कम हो जाते हैं

    क्या उनको सर्दी कम लगती है

    क्या उनको गर्मी में रहने की आदत है

    क्या कहा जा सकता है उनके बारे में

    क्या नहीं कहा जाता उनके बारे में

    उन्हें सरकारी भाषा में ड्रॉप आउट कह दिया जाता है

    स्रोत :
    • रचनाकार : अमर दलपुरा
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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